ककड़ी से मेरा गहरा नाता है
हम मुसीबत में ये मेरा छाता है
कंकेड़ी से मेरा गहरा नाता है
हर मुसीबत में ये मेरा छाता है
जब जब मेरे पर संकट आता है
इसमे जन्मा भगवान मुझे बचाता है
अर वो समुदाय बिश्नोई कहलाता है ।
मित्रों पिछले साल हमने एक वाट्सप ग्रुप बनाया था “1 Rupee/day For wildlife” वर्तमान में इस ग्रुप मे 500 सदस्य हैं।इस ग्रुप का उद्देश्य सम्पूर्ण थार की वाइल्डलाइफ़ को बचाने के लिए संसाधन जुटाना है।ओर बहुत ख़ुशी की बात है मित्रों की हमने पाकिस्तान के बार्डर से लेकर मेरे गाँव तक कई रेस्क्यू के लिए तुरंत गाड़ी करके घायल जानवरो को वन विभाग तक पहुँचाया है।कई बार मै किसी ज़रूरी काम मे होता हूँ तब भी काल बजती रहती हैं।साथ ही साथ पानी की व्यवस्था करने व वन्यजीवों के लिए पेट्रोलिंग करने में भी हमारे ग्रुप ने अहम भूमिका निभाई है।एक तरह से हमने सम्पूर्ण रेगिस्तान में वन्यजीवों के लिए प्रहरी खड़े कर दिए हैं।बहुत से मार्मिक अनुभव रहे हैं मित्रों।चलती बस के स्लीपर से कोई हिरण को घायल देखता है ओर मुझे काल कर लेता है वो हिरण वनविभाग तक पहुँच जाता है।जब वनविभाग को काल लगाया जाता है तो उनको समझ नहीं आता है कि आप जोधपुर से बोल रहे हो हिरण बाड़मेर में घायल है ये माजरा क्या है ।ऐसे कई अनुभव कभी साझा करूँगा मित्रों।तो मित्रों अब हमे ओर मज़बूती से वन्यजीवों के लिए खड़े होने की ज़रूरत है ।आप सभी से मेरा अनुरोध है मित्रों जहां भी घायल वन्यजीवों को देखे सा मृत भी देखे तब भी फोटो लेकर आप मुझे भेजे।जितना हो सके फोटो GPS CAMERA App से लें ताकि उस पर समय ओर लोकेशन की जानकारी हो।हमे एक वृहद् डाटा बेस बनाना है जो सिध्द कर सके कि थार की वाइल्डलाइफ़ ख़त्म हो रही था तब यहाँ के कुछ युवा वनविभाग को जगाने के लिए कितने तड़प रहे थे।विडियो बनाकर भेजे मित्रों सबकी सूचना वनविभाग में दर्ज कराई जायेगी।
सोशल मीडिया का सदुपयोग करके हम बहुत कुछ कर सकते हैं थार के वन्यजीवों के लिए आइये मिलकर कुछ अच्छा करते हैं ।
जो युवा वाक़ई रूचि रखते हो वो हमारी स्टोरी मे डाले गए लिंक या Bio मे दिये लिंक से हमारे वाट्सप ग्रुप से जुड़ सकते है।
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